जय भोलेनाथ
आजे श्रावण मासनो प्रथम सोमवार छे तो भाईओ आजे भगवान शिवनी स्तुती माणीये
शिव स्तुति
शंभु सरणे पडी मांगु घडिये घडी, कष्ट कापो
दया करि शिव दर्शन आपो ,
दया करि शिव दर्शन आपो ,
तमे भक्तोना दु:ख हर नारा
शुभ सौनु सदा करनारा
हु तो मंद मति तारी अकळ गति ,
कष्ट कापो .
दया करि शिव....
अंगे भष्म समसान नी चोलि
संगे राखो सदा भुत टोली
भाले तिलक कर्यु , कंठे विस धर्यु .
अर्मुत आपो..दयाकरि शिव...
शुभ सौनु सदा करनारा
हु तो मंद मति तारी अकळ गति ,
कष्ट कापो .
दया करि शिव....
अंगे भष्म समसान नी चोलि
संगे राखो सदा भुत टोली
भाले तिलक कर्यु , कंठे विस धर्यु .
अर्मुत आपो..दयाकरि शिव...
नेति नेति ज्या वेद कहे छे
मारु जिवडु त्या जीवा चाहे छे
सारा जगमां छे तु , वसु तारा मा हु ,
समजण आपो..दयाकरि शीव...
मारु जिवडु त्या जीवा चाहे छे
सारा जगमां छे तु , वसु तारा मा हु ,
समजण आपो..दयाकरि शीव...
हुं तो एकल पंथ प्रवासि
छता आतम केम उदासि
थाक्यो मथी रे मथी
कारण जडतु नथी
समजन आपो..दयाकरि शिव..
छता आतम केम उदासि
थाक्यो मथी रे मथी
कारण जडतु नथी
समजन आपो..दयाकरि शिव..
आपो द्रष्टि मा तेज अनोखु
सारि सृष्टि मा शिव रुप.देखु
मारा मनमा वसो आवि हैये हसो
शांति आपो..दयाकरि शिव..
सारि सृष्टि मा शिव रुप.देखु
मारा मनमा वसो आवि हैये हसो
शांति आपो..दयाकरि शिव..
भोळा शंकर भव दु:ख कापो
नित्य सेवा नु शुभ फल आपो
टालो मान मदा गोलो गर्व सदा
भक्ति आपो..दयाकरी शिव...
नित्य सेवा नु शुभ फल आपो
टालो मान मदा गोलो गर्व सदा
भक्ति आपो..दयाकरी शिव...
अंगे शोभे छे रुद्रा नि माला
कंठे लटके छे भोरिंग काला
तमे उमियापति अमने आपो मति
कष्ट कापो.. दया करि शिव...
कंठे लटके छे भोरिंग काला
तमे उमियापति अमने आपो मति
कष्ट कापो.. दया करि शिव...
आतो भक्त जनोनी छे अरजि
मानो नमानो मरजी तमारी
अरजी चरणे धरी मारे जावु तरि
नैया पार उतारो...दयाकरी शिव दर्शन. आपो...
मानो नमानो मरजी तमारी
अरजी चरणे धरी मारे जावु तरि
नैया पार उतारो...दयाकरी शिव दर्शन. आपो...
कोपी :- चारण ऐक धारण ग्रुप मांथी
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