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"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
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16 जनवरी 2016

तरवारनी वेदनानु गीत

आपणे त्या तरवार उपर घणी जुज रचना जोवा मळे छे एमाय तरवारनी एक बाजु युद्ध ना वर्णण पण अहि मारा फुईना दीकरा अने प्रसिध चारण साहीत्यना वकता एवा भाई श्री अनुभा देवदानभा जामंग जे सुरेन्द्रनगर ना धान्ग्धरा पासेना बावळी गामना वतनी अने हाले सुरेन्द्रनगरमा रहे छे तेमणे लखेल तरवारनी वेदना विशेनु एक गीत आपु छु जेमा तरवारने पण सरम आवे एने क्यारे क्यारे भोठामण थई ते तरवार कविने कहे छे...
|| भाई तेदि शरमाणी समशेर जी ||
शरमाणी समसेर ,
जेदि जुवो काळा थ्याता केर.
तेदि जोने शरमाणी समसेर जी....टेक
उगा माथे आछटी तेदि,
करमाणी ती कुंपेंळ..जी.(२)
आहिर देवात आहिराणी नी,
सुकाणी ती वेल.
   तेदि जोने शरमाणी समसेर जी....(1 )
भिया ककलना छये छोरुना,
खांडा धारे खेल  जी(२)
ई जाम ना बाळने जाळववा तेदि,
कुमळा शिष वाढेल.
तेदि जोने शरमाणी समसेर जी....( 2 )
पन्ना धाए उदेसिंह ने,
जीव थी वधू जाळवेल जी (२)
इ बन्वीरनी वाढाळी हेठे,
एना व्हालसोया ने व्होरेल.
तेदि जोने शरमाणी समसेर जी....( 3 )
बावा वाळाने मळवा आव्या,
पोरह ऊर प्रगटेल  जी(२)
इ काठीयाणीनी काळजे खुपी,
तये गर्यना डुंगरा रोयेल.
    तेदि जोने शरमाणी समसेर जी....( 4 )
मकान थी मोटा महेल लग निज,
गोतर गर्दन थयेल  जी (२)
तेदि भवानिनी आंखडीयुं जोने,
राते आंहुंडे रडेल .
   तेदि जोने शरमाणी समसेर जी....( 5 )
कोई बहेनी ना नंदवाय चुडा,
"अनु" वाळवा नथी मारे वेर  जी(२)
ए सघळा पापे काळज सळग्या,
एथी म्यान मा मुख ढाकेल.
    तेदि जोने शरमाणी समसेर जी....( 6 )
चारण कवि अनुभा .डी.जामंग
Mo 9825710949
Mo 9825720949
Presit :charan Kavi prvin bhai madhuda
Rajkot Mo 95109 95109
Wotsep Mo 9723938056

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