आई.ऐ.ऐस सुरेन्द्रसिंह बारहट
सीकर . उम्र २९ साल और सफलता का सफर छ्ह साल। कहानी है ग्रामीण पृष्ठ भूमि से निकले पलसाना इलाके के सुंदरपुरा गांव निवासी आइ.ए.इस. सुरेंद्रसिंह बारहठ की।
इसे जिद कहो या जज्बा। इन्होंने केरियर के महज छह साल के सफर में ही शिक्षक से लेकर प्रशासनिक अधिकारी व इनकम टैक्स इंस्पेक्टर तक का पद प्राप्त करने के बाद भी शिखर छूने की दौड जारी रखते हुए आइ.ए.इस. तक का मुकाम हासिल किया है।
लगातार जिद और जोश की बदौलत इन्होंने यह सफलता प्राप्त की हैं। बारहठ इस सफलता का श्रेय माता - पिता के प्रोत्साहन एवं दोस्तों के हौंसला अफजाही को देते हैं।
बारहठ का कहना है कि उनकी पहली प्राथमिकता केरियर के सफर में प्रतियोगी परिक्षा रही है। आइ.ए.इस. बनने के बाद पूरे गांव में खुशी का माहोल है।
चारण कवि श्री अविचळदान महेडु गुजरात की और से जय करणी माताजी री.
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चारण कवि श्री अविचळदान महेडु
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Mo. 74053 59042
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