||रचना-||-{बलाहक आव परोणो,}
||कर्ता-||{ गढवी मितेशदान(सिंहढाय्च)}
||ढाड-सोनल मा मढडा वाडी||
खेत तणा तड़ वावडा माँगे,
अने एशणा खेडणहार,
पाण लिये नीत निरखे सांती,
मेर करो मेघ राय,(1)
अने एशणा खेडणहार,
पाण लिये नीत निरखे सांती,
मेर करो मेघ राय,(1)
बलाहक आव परोणो,
वेरि जा ने हेम परवीणो,
वेरि जा ने हेम परवीणो,
केर वरतायो ताप नो काडो,
सर थया डामडोड,
सुरभि ना ए साद ने कारण,
पाड़ तारो परवाह,(2)
सर थया डामडोड,
सुरभि ना ए साद ने कारण,
पाड़ तारो परवाह,(2)
बलाहक आव परोणो,
वेरि जा ने हेम परवीणो,
वेरि जा ने हेम परवीणो,
मेघ मंडाणा,आभ ढंकाणा
ने वीज ना.थया एंधाण
ओला वायरा संदशडा लाव्या,
( ए जी) झट आवे वरहाद, (3)
ने वीज ना.थया एंधाण
ओला वायरा संदशडा लाव्या,
( ए जी) झट आवे वरहाद, (3)
बलाहक आव परोणो,
वेरि जा ने हेम परवीणो,
रान सेमाडा,सुकवा लाग्या.,
घाह नही ,वन माय,
मेघवंता तु वरसी जाने,
मोर केरो टहुकार,(4)
वेरि जा ने हेम परवीणो,
रान सेमाडा,सुकवा लाग्या.,
घाह नही ,वन माय,
मेघवंता तु वरसी जाने,
मोर केरो टहुकार,(4)
बलाहक आव परोणो,
वेरि जा ने हेम परवीणो,
वेरि जा ने हेम परवीणो,
आव मेहुला ,गीतडा गातो,
(अने)जोतो हु वादड़जाड़,
व्हेण मोटू वरसाव्जे व्हाला
"मीतडो" मन हरखाय,(5)
(अने)जोतो हु वादड़जाड़,
व्हेण मोटू वरसाव्जे व्हाला
"मीतडो" मन हरखाय,(5)
बलाहक आव परोणो,
वेरि जा ने हेम परवीणो,
वेरि जा ने हेम परवीणो,
---------मितेशदान--------
गाम- बाबिया,(ता-मुन्द्रा)(कच्छ)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें