दादा आ दुनिया कहे,ई, सगपण साचव सूर
जळ अहाडुं जोगडा, भांण दीयो भर पूर
हे भगवान आखी दुनीया तमने सुरज दादा कही ने वंदे छे, ऐ सगपण ने संभारो अने हे नारायण अहाड नुं जळ हवे व्रहावी द्यो अमे आपने नीत्य वंदन करीये छीये,
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जेठ आखोये जोगडा, भले, वरह्या वण नो वाय,
पण, अहाड मां तो आय, माझा मेलीन मेहुला,
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