वेद ॠषी पण वंदता, गाताय पंखी गांण
जपता चारण जोगडा, भोम उजाळण भांण
हे भगवान सुर्य नारायण आप ने वेद ना ॠषीयो ऋचा मां वंदन करे छे,पंखी पण सवार मां आप नो उदय थाय एवा सामैया ना गीत गाय छे, तथा हे भोम ने उजवळ करनार भांण चारणो आपना जाप जपे छे,मारा आपने नित्य वंदन छे
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