वेंण आवड नां वालथी, राखेलां रदय में रांण,
भाचळीयो रवि भणे, ऐथी, नव भळक्यो भांण,
हे भगवान सूर्य नारायण देव बेन नां शबद नी लाज नो जाय नें बेन नें कायम नुं मेंणुं ना रहे ई वात आपे आ जगत मां साबीत करी छे आई आवड माताजी ऐ आप नें कीधुं के आप ना उदय थातां तो आप ऐ वेंण नें साचववा माटे थईने उदय न थीयां ने बहेन नीं पत साचवेली....आप जे संयम अनें नीयम साचवो छो ऐवा आ धरती नां पड माथेे कोई न साचवी शके नें आप नातो जे नीभावी जांणो छो तेवो नातो पण कोई नो नीभावी शके... ऐथी आवड मां ना छोरुं चारणो आपने मामा करही ने संबोधो छे के आप साचा मोहाळीया छो.... हे मलक उजाळण मोहाळीया आप नें मारा नित्य क्रम मुजब हजारो हेत वंदन हो प्रभु.... 🙏🏼🌹🙇🏻🌞🙇🏻🌹🙏🏼
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