आखुं जग उजाळीयुं, कान पखें रत कान
जनम्यो सूरज जोगडा, पूरण चंद पिसान
हे आखा जगत ने गीता ज्ञान रुपी अंतर नो अंधकार दुर करवानुं अजवाळुं देनार तुं कान पखे एटले के कृष्ण पक्ष यानी अंधारी आठमे जनम्यो ने अजवाळुं कर्युं,तथा हे चंद्र ना वंश नी ओळख रुप अलख घणी तुं विष्णुं नो अवतार छे,अने बार सुर्य मां एक सुर्य एटले विष्णुं, माटे है विष्णुं सुरज तें तारा अजवाळा ना आश्रीत चंद्र नेय जगमां जनम लई ने अजवाळ नार सुरज नारायण हुं आपने नित्य वंदन करुं छुं,
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