रुपियो रुपाळो
गीत
राग..अमे निसरणी बनी ने..
प्रभू तमे दूनिया बनावी रुडी ने रुपाळी रे
रुपाळो एमा रुपियो रे जी,
रुपिया नी वांहे दूनिया लोभाणी रे
रुपाळो केवो रुपियो रे जी..
एक ने हसावे वळी कैक ने रडावे रे,
नित नवा नखरा करावे रे रुपाळो केवो रूपियो..(1)
थोडा घणा थाय त्यांतो धराने धृजावे रे.
वनानी बनी वनने हलावे रे रुपाळो केवो रुपियो..(2)
नाणू नोय पासे तो कोइ नो बोलावे रे,
रुपिया वाळा ने सौ रिझावे रे
रुपाळो केवो रुपियो..(3)
वय होय नानी अने वित्त होय जाजू रे,
मोटा वडीलो माथडा नमावे रे
रुपाळो कवो रुपियो..(4)
आशा लय आवे एने आंटीये चडावे रे,
पाय नो आपे वळी पपडावे रे
रुपाळो केवो रुपियो..(5)
दिलजीत बाटी खूब रुपियो रूपाळो रे,
कमाणी नो होय भले पछी काळो रे
रुपाळो केवो रुपियो..(6)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें