आजे मित्रता दिवस नी शुभःकामना सह एक यादी
कच्छ महाराजा रा देसळ ना मित्र जालणसी कांटा चारण ने देसळ ना बनेवी ईडर नरेस पोताने त्यां लई गयेल, अहीं देसळ झुरवा मांड्या ने त्यां ईडर मां जालणसी कांटा, देसळ छेल्ली पथारीये पड्या त्यारे पण जालणसी सीवाय कोई नाम जीभ पर नोहतुं , ईडर जालणसी ने लेवा सांढडी सवार आव्यो , जालणसी पण विरह मां आखर थई गया हता , ज्यां सांढडी सवार थई भुज पोहच्या तो भुज ना स्मसान गृहे चिता बळती हती ने हजारो लोको त्यां हाजर हता, जालणसीये पुछ्युं कोनी चीता छे?
कोई ये कह्युं अमारा बापु रा देसळ नी, तेमना मित्र चारण जालणसी ना विरह मां देह छोड्यो, सांभळतां वेंत जालणसी कांटा ये सांढ परथी सीधुं चिता मां पडतुं मुक्युं अने छेल्लो एक दोहो कहेल
कागा थी करीये नही, मारे, हंसां थीज हेळो
जालणसी नो जीतवो, भवो भव भेळो
जेमनी मित्रता माटे आजे पण कही सकीये के
चडीया जो काठे चडे,कांटा जेवो कोय
जो देहळ ने जोगडा, हारे जालण होय
आजे मित्रता दीने आवा प्रेरणा मुर्ती समान अमर मित्रो ने हजारो वंदन
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