शिक्षण ऐ पायानी जरुरीयात..!
आजना आघुनिक समयमां शिक्षण ऐ पायानी जरुरीयात छे. आजनुं बाळक ऐ आवती कालनुं भविष्य छे.
माणस पासे करोडो रुपिया हशे परंतु विघानुं ज्ञान नही होय तो ते मिलकत कशा ज कामनी नथी. अक्षरज्ञान ऐ मानवीनी त्रीजी आंख छे.
आपणे पण आपणा समाजनो उत्कषॅ करवा अने समाजमां कितीॅ मेळववा शिक्षणने अपनाववुं ज पडशे. चारण समाजने मजबुत अने महान बनाववानी जवाबदारी युवा पेढीनी छे.
आपणो समाज ऐ आपणुं कुटुंब छे. विशाळ जन समुदायमां आपणो समाज पथरायेलो छे तेना प्रमाणमां आपणा समाजनी स्कुल, छात्रालय केटली छे तेनी गणतरी करजो. गरीबमां गरीब कुमार अने कन्या भणी शके तेना माटे रहेवानी जमवानी मफत सेवा आपे ऐवी संस्था, स्कुल बोडींगनी संख्या केटली छे. ऐक नहीं अनेक संख्यामां होवी जोईऐ.
चारण समाजना अग्रणी व्यकितओ बीजा जात जातना तायफा उभा करी समाजने डायवटॅ करे छे पण शिक्षणने प्रथम जरुरीयात बनावी सामुहिक प्रयत्न करी, नवजागृति लावी जोईऐ.
शिक्षणथी शिक्षित व्यकितने ज फायदो नहीं थाय परंतु तेना धरने कुटुंबने गामने समाजने अने देशने धणो लाभ थशे.
जय माताजी.
प्रस्तुति कवि चकमक.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें