आजे भावनगर राजकवि श्री पिंगळशीभाई पाताभाई नरेला नी ऐक रचना माणीये
कदर विना सेवानुं शुं काम
राग :- धान्याश्री
कदर विना सेवानुं शुं काम, काग हंस ऐक ठाम...कदर...टेक
ऐक नीतिनुं खाय होय तो, अणहक चीज हराम,
ऐवा पुरुषने काई न आपे, दीऐ खुटलने दाम...कदर...1
कोणे बगाडयुं कोणे सुधार्यु, जाणे न आठे जाम,
जीव न होय ठेकाणे जेनो, तेने सरखुं तमाम...कदर...2
गरज होय त्यां सुधी ग्राहक, पाछळ नहीं प्रणाम,
काज सर्योथी कोई समे पण, नव संभारे नाम ... कदर...3
ऐनी चडवुं नहीं हडफेटे, छेटेथी करवी सलाम,
"पींगल" सेवो सत्य प्रभुने, ऐमां छे आराम...कदर...4
*रचियता :- पिंगळशीभाई पाताभाई नरेला*
*टाईप :- www.charanisahity.in*
*➡ ता.12-10-2016ना रोज भावनगर खाते पींगळशीभाई नरेलानी 160 जन्म जयंतीनी भव्य उजवणी करवामां आवशे तेमा दरेक भाईयो तथा बहेनो ने पधारवा नरेला परिवार द्रारा भावभर्यु आमंत्रण पाठववामां आवे छे*
तारीख 12-10-16
समय :- सांजे 7-30 कलाके
स्थळ :-
पींगळशी पाताभाई मार्ग, वडवा -पानवाडी रोड , S.B.I पासे भावनगर
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