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"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

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12 अक्तूबर 2016

भावनगर राजकवि श्री पिंगळशीभाई पाताभाई नरेला

.                जय माताजी

*आजे भावनगर राजकवि श्री पिंगळशीभाई पाताभाई नरेला नी 160 मी जन्म जयंती छे.*

तो ते निमित्ते "भावनगर राजवि श्री पिंगळशीभाई पाताभाई नरेला"   विशे थोडी जाणकारी अने तेमनो जीवन परीचय  आप समक्ष मुकवानो नानकडो प्रयाश करेल छे

*राजकवि = भावनगर*
*जीवन काळ ( 1856  - 1939 )*

.  *राजकवि श्री पींगळशीभाईनो जन्म सवंत 1912 ना आसो सुद अगीयारस ई.स.1856 मां 10 ओक्टोबर ना रोज  शिहोरमां थयो हतो*

ते ओए  *डिंगळ गुजराती , हिन्दी, चारणी ,  संस्कृत, व्रजभाषा,मारवाडी वगेरे भाषाओना जाणकार हता।*

.  *नरेला कुटुंब भावनगर राज्यना सात  पेढी ना राजकवि पदे रहेला ।*
*दादा श्री मुळुभाई नरेला महाराजा भावसिंहजी अने अेखराजजीना वखतमां राजकवि हता ,*
*पिंगलशि भाय ना पिता पाताभाई नरेला पोते पण समर्थ कवि अने वार्ताकार हता ,*
*तेओ महाराजा जशवंतसिहजी अने अखेराजजीना समयमां राजकवि पदे रहेला*

.  *राज्यना दिवान " गगा ओझा " अने शामळदास महेता तेमना परम मित्रोमांना एक हता ,*
*आ मित्रो एेक बीजानी हाजरी वगर चा पण न पीता ,*

.  *भावनगर राज्यना दिवान शामळदास गुजरी गया पछी पिंगलशिबभाये चा पण छोडी दीधेली ,*

*पिंगलशिभाईए  *श्री दलपतराम अने फार्बस साहेब साथे एक मास सूधी छावणीमां वास करीने भावनगरनो ईतिहास कहेलो,*

.  *महाराजा तख्तसिंहजीअे पाताभाई बाद पींगळशीभाईने राजकविनी पदवी आपेली तेओ भावसिंहजी अने* *कृष्णकुमारसिंहजीना समय सूधी आ पदे रह्या,*

.  *तेमणे रचेला पुस्तकोमां :- (1) हरिस ग्रंथ-संपादन (2) श्री कृष्ण बाळलीला (3) चित्तचेतावनी (4) तख्तप्रकाश (5) भावभुषण (6) पिंगळ काव्य भाग -  1अने 2 (7) सुबोधमाळा (8) ईश्वर आख्यान (9) पींगळ विरपुजा (10) सुजात चरित्र अने सतीमणी नोवेल (11) श्री सत्यनारायण कथा संस्कृत-गुजरातीमां तरजुमो ....जेवा ग्रंथो तेमणे रचेला ,*

.  *तेओ श्री कृष्णकुमारसिंहजी - चारणविध्यालयना स्थापक पण छे . ते उपरांत पिंगलशिभाय "चारण हित वर्धक सभा" ना पायाना पत्थरों पैकी ना एक हता,*

राजकवी *श्री पिंगलशिभाय नरेला ने मळेला बिरुदो*

*"मध्ययुग ना छेल्ला संस्कारमूर्ति चारण",*
*"देवतुल्य कविराज",*
*"चारण शिरोमणी",*
*"अखंड आराधक",*
*"साधुचरित कवी",*
*"शुभ संस्कारो नो मनवदेहे विचरतो स्तम्भ",*
*"ड़िंगळ नो उकेलनार",*
*"सर्जनशक्ति नो पुंज",*
*"भावनगर नी काव्य कलगी"*
*"महाराजा ना मुगट नो हीरो"*

तथा

*नरसिंह मेहता, दयाराम, धीरा, मीरां आने अखा ने समकक्ष कवी,*

*जेवा अनेक मानवाचक बिरुदो, शब्दों अने लेखो थी महाराजाओ, कविओ, लेखको, अने विवेचकोए बिरदव्या छे।*

महाराजा *श्री अे तेमणे आपेला ( शेढावदर ) गाममां  आजे पण राजकवि श्री पिंगळशीभाई पूजाय छे,*

.  *राजकवि पद उपरांत*
*पींगळशीभाई*
*जोगीदानभाई नरेला*
*अनीरुधभाई नरेला*
*तेमज चंद्रजीतभाय नरेला*
*आ सर्वे भावनगर राज्यना अंगत सलाहकार पदे पण रहेला ,*

. *नरेला कुटुंबनि पांच पेढी  राजकवि पदे रहेला.*
तेमा
*मुळभाई नरेला*
*पाताभाई नरेला*
*पींगळशीभाई नरेला*
*हरदानभाई नरेला*
*बळदेवभाई नरेला..*

*राजकवि पदे रहेला*
 

*आ माहिती संकलन माँ " श्री धर्मदिपभाई नरेला" मददरूप बन्या एे बदल एेमनो खूब खूब आभार*

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            *वंदे सोनल मातरम्*

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