🙏🌹 सरस्वती वंदना🌹🙏
🙏🌹🌹 छंद: भुजंगी🌹🌹🙏
सदा सोहति देह स्वेताम्बरोथी
सुगंधि वहेती मधु मोगरोथी
करुणा भरी सर्वनु श्रेयकारी
नमो शारदा मात कल्याणकारी ।।1।।
धरी हाथ वीणा मणिकंठ माला
कलाकारना दूर करती कसाला
शिखंडी परे सोहति दिव्य स्वारी
नमो शारदा मात कल्याणकारी ।।2।।
तू ही मात जीभासने स्थान लेती
गिरा उमदा ए घडी ज्ञान देती
प्रकाशो घणा अँतरे पुरनारी
नमो शारदा मात कल्याणकारी ।।3।।
कृपा उतरे मात तारी अमुली
कमाडो बधा भाग्यना जाय खुली
असाधार तू स्मुर्द्धि आपनारी
नमो शारदा मात कल्याणकारी ।।4।।
कृपासिंधु हे मात तू विश्वव्यापी
कही दिनना नाखिया कष्ट कापी
रमे रिद्धि ने सिद्धि कई रूप धारी
नमो शारदा मात कल्याणकारी ।।5।।
कवि पंडितो ध्यान तारु धरे छे
बधी व्याधिओ एमनी तू हरे छे
स्तवे मात पिंगल तने वारीवाऱी
नमो शारदा मात कल्याणकारी ।।6।।
( कविराज श्री स्व पिंगलशी मेघाणंद लीला बापू कृत ~ छत्रावा -जामनगर ~ कवि रचितग्रन्थ - नर्मदा शतक माथी)
सर्वे चारण बंधू आज नी शुभ तिथि वाक्बारस ने निमित्ते
जय माँ शारदा !
जय माँ सरस्वती !!
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(टाइप : रणजीत सौदा ~ईडर)
(भूलचुक होय तो सुधारी वांचशोजी)
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