अगाऊ ज्यारे गाम पर विपती आवे
गौ-धन वारी जता होय,दुश्मनो ऐ
पादरे पडाव नाख्या होय,रैयत नी
वारे चडवा गाम नी आबरु बचाववा
शुराओने जुवानीयाओने हाकल देवा
कदाच आ शब्दो वडे रणे चडवा
कहेवामां आवतुं हशे ऐना माटे ऐक
प्रयास छे भुल-चुक क्षमा करी ध्यान
दोरवुं.... जय भगवती
*शुरवीरो ने हाकल*
हरखी ने आवो,जान जोडावो
स्वर्ग नी राहे बलघारी
हांकेथी गजावो,विरता बतावो
सुराओ ने बलीहारी
भवानी पुकारो,दुश्मन संहारो
छातीये वारो पडकारी
ढोल वगडावो,सरीता वहावो
निर्भय थई ऐ नामधारी
ईतीहास रचावो,अश्व शंणगारो
रैयत ना छो हीतकारी
गौ-धन ने वाणो,कुणने दीपावो
मेदाने पडो शस्त्रधारी
शंख फुंकावो, हाकला पडावो
मलकी आवो टेकधारी
विरोधी हरावो,त्राड थी डरावो
मरवा-मारवा ने उपकारी
लाज बचावो,अमर थई जावो
पाणीये पुजावो अधीकारी
खमीर जणकावो,धड लडावो
अवसर आव्ये बिरदावी
✍🏻 देव गढवी
नानाकपाया-मुंदरा
कच्छ
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें