सोनबाई मा ना गादोई गामे रामभाई हारे वेविसाळ करावी ने लगन थीयां त्यां सुधी तेनी जनमदात्री रांणबाई नोता जांणी सक्या के आ मां छे,
जेदी ऐ बधा बंधनो तोडी ने भगवान शीव अने कृष्ण ने भजती सोनल ने मढडा मां आई तरीके मान तो मळेलुंज पण ज्यारे रांणबाई माये एकदी कह्युं के सोनां (सोनबाई मा ने ते सोना केहतां) दहीं गोळी मां मुकी दे हुं आवुं एटले पछी छास फेरवी नाखीये,
सोनबाईये दहीं गोळी मां नाख्युं मांकडी धोई ने रवायो मुक्यो त्यां आवड आवी जे एमना खेतरे बेसाडेल छे ई
अने सोनबाई साथे छास फेरवी ने माखण उतारी ने ओरडा मां मुक्युं,
रांणबाई हजी वाडा मांथी पाछां आवे एटलीज वार थई हती,
सोनबाई थांभली पासे बेठेलां
रांणबई मा कहे के सोन दहीं गोळी मां नाख्युं??
सोनबाई मां कहे छास तो हाल फेरवी लीधी ने मां??
विस्वास न थयो के एटली वार मां थोडी छास फेरवी सके ?? अने एकली थी ए सक्य पण नोहतुं, पण गोळी मां जोयुं तो छाछ थई गयेल,
अने माखण क्यां मुक्युं??
सोनबाई कहे एतो ओरडा मां लई ने ग्या हता मुक्युं हसे क्यांक, माखण पण ओरडा मां हतुं
त्यारे एमने जनम देनारी मा सोनबाई ना पग मां पडी ने रड्यां छे के हुं नोहती मानती पण हवे मने खातरी थई गई के हुं तारी मा नई पण तुं अमारी मां छे
*आवड आवीन आंगणे, तारी, सोनल फेरे छास*
हवे
*अवर जनां नी आस, मारे, जगमां रही न जोगडा*
सोनलमा ए समाज सुधारक नही पण समर्थ शक्ति नो अवतार
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