श्री समस्त अमदावाद शहेर गढवी ( चारण ) सेवा समाज संस्थाना ' जन सेवा ऐज प्रभु सेवा '' उदेश्यथी चालता '' सोनल विसामा '' विसामानी सेवाकीय प्रवृति निहाळवानो कवि चकमकने मळेलो ल्हावो..!
अमदावाद शहेरनुं न्यु सिविल होस्पिटल ऐशियाभरनुं मोटामां मोटुं अने अघतन साघन सामग्रीथी सज्ज होस्पिटल छे.
आ होस्पिटलमां गुजरातभरमांथी तेमज राजस्थान, मघ्यप्रदेशमांथी पण चारण परिवारो पोताना आप्तजनोने लईने सारवार हेतु आवे छे. त्यारे सारवार दरम्यान बिमार व्यकित साथे आवेल सगा-स्नेहीऐ कयां रोकावुं ते समस्या मा सोनल कृपाथी हल थई गई छे.
सोनल विसामा माटे नवी केन्सर होस्पिटल सामे मेईन रोडनी बिलकुल नजीक त्रण माळनुं मकान हाल भाडा पेटे राखेलुं छे तेमां ददीॅना सगा-वहालाने रहेवा-जमवानी निशुल्क खरा ह्रदयना भावथी आपवामां आवती सेवा निहाळी हुं भावविभोर थई त्यां हाजर ददीॅना सगाओ कोई सुरतथी कोई अमरेलीथी, कोई मघ्यप्रदेशथी कोई राजस्थानथी ऐक कलाक जेटलो समय तेमनी साथे विताव्यो.
ददीॅओना मुख पर सेवाना लाभनो आत्मसंतोष नजरो नजर तेमनी भाषामां जोवा मळतो हतो तथा तेओ पोतानुं पण योगदान आपवा उत्सुक चारणो में जोया. मारी नजरे ऐक ददीॅना सगाऐ 2100 रुपिया रोकडा आपी योगदान नोघाव्युं. कोईनी पासे पैसा मागवामां न आवता होवा छतां स्वेच्छाऐ चारणो पोतानुं योगदान आपे छे.
बीजु किरिटभाई नोंघुनी निस्वाथॅ सेवा दाद मागी ले तेवी छे.
मारा जाणवा मुजब टुंक समयमां नवुं मकान वेचातुं राख्युं छे तेनो दस्तावेज थई जाय ऐटले तेने पण सुख सुविघाथी सज्ज बनावी समाज सेवामां उपयोगमां लेवा समाज सेवको उत्सुक छे.
आनाथी रुडुं बीजु शुं होई शके मा सोनल सौने शकित आपी आवा रुडा समाज उपयोगी कायोॅ करवानी प्रेरणा अने आत्मबळ आपे ऐवी अभ्यथॅना साथे कवि चकमक प्राथना करे छे.
जय माताजी.
कवि चकमक.
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