, *ॐ*
. *मोगल स्तोत्र*
. *रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)*
अधम उधारणी कारण कारणी दैत्य विदारणी दनुज दमा
हर दुख हारणी अंब उगारणी खटरिपु खारणी बोल खमा
अलख उचारणी विश्व विचारणी पालन पारणी मात पवां
जय जय जय चडीया घट चारणी तारणी मोगल नाम तवां.01
शुंभ निशुंभ न लुंभत लोबडी वोबडी व्योम विराट वदा
कुंभ नीकुंभन जुंभन जोबडी सोबडी सारणी आप सदा
ऋंभ वळुंभन दुंभत दोबडी भोबडी भव दधि तार भवां
जय जय जय चडीया घट चारणी तारणी मोगल नाम तवां.02
जीत वत जंगन अर्प उमंगन रंगन अदभुत रम्य रमा
कणणण कंगन अनल सुअंगन पाणीं पनंगन क्षम्य शमा
गीत चित गंगन उर उछंगन भव दख भंगन दर्श भवां
जय जय जय चडीया घट चारणी तारणी मोगल नाम तवां.03
दूस्स जन दंडीनी पांणी प्रचंडीनी मगजग मंडीनी अर्घ्य अहा
घोर घुमंडीनी वेग व्रतंडीनी पुन्य प्रकंडीनी मुन्य पहा
खल दल खंडीनी आई अखंडीनी चौद ब्रमंडीनी चंडी चवां
जय जय जय चडीया घट चारणी तारणी मोगल नाम तवां.04
कळजुग कंदन नाम निकंदन तिरहुर तंदन छाज छटा
उर अकंदन पावन पंदन राजल नंदन रस्ण रटा
वंदन शब्द सुगंदन छंदन चंदन जोगीय दान चवा
जय जय जय चडीया घट चारणी तारणी मोगल नाम तवां.05
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें