सोरठ धरा मा शोभतु गोकुण जेवु गाम छे ।
आई सोनल अवतरी मढणा मही मुकाम छे ॥
चारण कुल तारण तरण तु कष्ट सघणा कापजे ।
सोनल चंडी सदा अमपर रहेम द्ष्टी राखज॥े
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दैतां हरण अशरण शरण मंगल करण तु मात छो ।
भागीरथी छो के भवानी आई अंबा मात छो । ।
सराकड़ीये थई सोनल एम विजय तू वरतावाजे ।
सोनल चडीं सदा अमपर रहेम द्रष्टि राखजे । ।
भुप नवघण तणे भाले एक दि आवि हती ।
चकलीतणु लई रुप साथे सिंध मां चाली हती । ।
वाराही थई आ विश्वनि बुडती नाव बचावजे ।
सोनल चडीं सदा अमपर रहेम द्रष्टि राखजे ॥
छे निराकार छता साकार रुपे शोभती ।
त्रिशूलवाणी माहाकाणी रणे दैत्यां रोणती । ।
चाचर केरा चोकमां जई गीत मधुरस गावजे ।
सोनल चडि सदा अमपर रहेम द्रष्र्टि राखजें......॥
शक्ति बनी चामुड देवी चंड मुंड़ चोडया हता ।
करी कोप रणमां कारमां खप्पर लई खोण्या हता ॥
करी नाश अशुरा कुणनो तु सत धरमने स्थापजे ।
सोनल चडी सदा अमपर रहेम द्रष्टि राखजे ॥
वाघेश्वरी विश्वभरी के आध्यशक्ति इश्वरी ।
परमेश्वरी सर्वेश्वरी के आई छो आरासुरी ॥
"कवि कान " कहे मुजपरे कायम नजर अभृत नाखजे ।
सोनल चंडी सदा अमपर रहेम द्रष्टी राखजे ॥
जय माताजी.......
शुप्रभात..........
। । 🚩 वंदे सोनल मातरम् 🚩। ।
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