🌹🌹🌹🌹माँ 🌹🌹🌹🌹
दुहा
कवि माणेक थार्या जसाणी
झरपरा कच्छ
जीरवी लईने झेर
हसते मोढे हेतथी
अमृत दइ उछेर
माता करती माणका
पोते सहीने पीर
पय प्यारथी पोसती
सुंदर मनूष्य शरीर
मा ऐ दीधुं माणका
🌹जय माताजी 🌹
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