||रचना : गणेश वंदना ||
||कर्ता:मितेशदान महेशदान गढ़वी(सिंहढाय्च) ||
|| छंद:मोतिदाम ||
*गजानन नाम रटु परथम,*
*शुभाशीश याचु नमोय अगम,*
*प्रति सेवकारो तू तारणहार,*
*नमें मीत वंदन वारमवार*(1)
*उमानंद नाथ पिता महादेव,*
*पूजात प्रथम गुणाय सदैव,*
*मूषक सवार चले गजोदर*
*हरे हर दोष दरे दरीदर*(2)
*करे तिरपुंडय कुंडल कान,*
*शिरेधर मुकुट शोभन शान,*
*पीताम्बर धारण तारण लोक*
*रिद्धिसीद्धि मान अपावण रोक,*(3)
:|| दुमिला ||:
*दरीदर दटावण मेर करा गजराज गुणा गणराव जपा,*
*परथम सुमिरण नाम तिहाराय भेर सदाय करो किरपा,*
*उमिया शिव नंदन राय गजोदर वंदन वंदन नित करा,*
*गुणाधिश तव गुणागान गावन ध्यावण मंगल मीत सरा,*(4)
🙏-----मितेशदान(सिंहढाय्च)----🙏
*कवि मीत*
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