*चारन मे नाम सोई चारण प्रमाण हैं*
आपणी चारणी संस्कृति, सभ्यता, साहित्य नी विरासत नी जवाबदारी आपणी छे.
आपणे नवी पेढीए, जुनी पेढी पासेथी प्रेरणा लेवानी छे. आपणु दिव्य चारणी साहित्य आपणे नवी पेढी ने क्लीकवगु करवु पडशे. माटे हे चारणो ! मोकळा मने वरसो अने वारसा ने वधारवा माटे, अस्मिता नी आम्रवेली ने सदीओ सुधी फलाच्छादित राखवा माटे चालो यत्न करीए.
एक शुभ भावना साथे संकल्प लीधो छे जेने पूर्ण करवानी नैतिक जवाबदारी मारी ने तमारी बने छे.
माटे ज, व्रज, डींगळ - पींगळ आदि भाषासाहित्य नी प्राचीन हस्तप्रतियों ने मोकळा मने अमने मोकलो अने नवी पेढी नां मस्तक मां ज्ञानदीप प्रज्वलित करो एवी तमाम मारा ज्ञातिबंधूओ ने अभ्यर्थना....
सं गच्छद्वं = साथें चालीए
सं वद्ध्वं = साथें बोलीए
*चारयति धर्म इति चारणा: ए मंत्र ने मूर्तिमंत करीए अने साहित्य यत्न मां प्रयत्न ने प्रोत्साहीए.......*
अमारो ई-मेईल एड्रेस नीचे मुजब छे -
himigreen@gmail.com
*आपणा अप्राप्य अने अमूल्य साहित्य नुं जतन करवानी अने प्रचार-प्रसार करवानी आपणा बधानी सामाजीक फरज छे तो आ कार्यमां सहकार आपवा विनंती*
*आप पासे अप्राप्य हस्तप्रतो होय तो मोकलीआपवा नम्र विनंती छे*
वधारे माहिती माटे :- 9913051642
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