🌺🌺छंद=छप्पय🌺🌺
नमो विमला मात,कीरीट पीठ वारी ज्योती.
मुकुट गिरो जे थान,आप प्रगटी जग प्रोती.
पछम बंग कहु देश,तीर हुगली तट वासो.
लालबाग लह कोट,ओट जह आप प्रकाशो.
ललीत रुप लेखण संवर्त,कर्त शिव कल्याण है.
कथो विज घाटी कीरत,सकळ सुष्ट्री सरजाण है.
वृन्दावन विखयात,मथुरा स्थित भुतेश्र्वर.
द्वीत्य पीठ जगमात,ज्योत जलहल करुणेश्र्वर.
केशपास जीण थान,लुळक गीर स्वर्णा भुषण.
कात्यायनी प्रणाम,गंजनी खल दल दुषण.
भैरव है भुतेश आप,पाप प्रजाडण नाथ है.
चवे बिरद विज भाव से,जोडहाथ समराथ है.
महिषासुरमर्दीनी,जगत माता जय जननी.
महाराष्ट्र मे थान,गाँव कोल्हापुर धरनी.
त्रिचख शुभ जह गीरो,जयो युग द्रष्ट्रा देवी.
लछमीजीरो वास,आसपुरणी पद सेवी.
क्रोधशीश रीपु काम नाम,धाम धन्य धणी आप है.
करजोड नाथ विज चावीयो,हरण जीवजग ताप है.
श्री शक्ति सुन्दरी,भुवण त्रय लोक धीराणी.
पर्वत पीठ सुशोभ,क्षोभ भंजण दे वाणी.
थल लद्दाख सु थान,देश कश्मीर निवासी.
दछिण तल्प भई अंग,गीरी पर गीरीवर वासी.
सुंन्दरानंद सुंदर वदन,हरन दुख सुख धाम है.
नित्य भजन कर विज नेम,क्षेम कुशल विशराम है.
विशालाक्षी मात,आद अनाद अनंता.
पीठ शक्ति प्रऩिपात,नमो जगजीव नियंता.
काशी वाराणसी,मीर सु घाट प्रकाशी.
कनक मणी निपात,करण दछिणा राशी.
महा काल भैरव सदा,सकल रोग हर आप है.
कोटी कोटी विज कर नमन,सघन देव हर ताप है.
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
स्तुती रचनाकार = चारण विजयभा हरदासभा बाटी.
👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें