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"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

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29 नवंबर 2017

जयदेव बचुभाई गढवी

ॐ शांति....

*छंद छटा ने सपाखरां, हुती सादुळी हेव*
*जिव ने घ्रहको जोगडा, जातां तुं जयदेव*

हे जयदेव छंद अने छपाखरां नी छटा अजोड हुती तमणां कंठ मां..ए कंठ अने केहणी नो कसब आज फानी दुनिया त्यजी जतां जीव ने ध्रहको पड्यो छे...भगवान ए चेतना ने चिर शांति आपे...

*ॐ शांती...*

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