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30 जून 2019

|| सूर्यवंदना || || कवि मितेशदान गढ़वी(सिंहढाय्च) ||

*||🌞 सूर्यवंदना 🌞||*
*|| कर्ता  मितेशदान(सिंहढाय्च) ||*
*|| ता:21-06-2019 थी ता:30-06-2019 ||*

*(21-06-2019)*

*वित्त चित वर्दित्त,नित्त जोडित नारायण,*
*नवकारी नवनीत,भीत भव प्रिते भायण,*
*वर्ण योग वर्णीत,कळा नर क्रिते करणा*
*जीवन योवन जीत,सदा रह तमसु शरणा*
*अज योग तणा तुही आध्यदेव,मुल योग तिहारे मान*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,सुर मित राखण तन शान*

*(22-06-2019)*

*प्रथा उगत सुर प्रजा,टेम धरियो जग टल्लो*
*प्रथा उगत सुर प्रजा,शिष्त भर्यो रग सल्लो*
*प्रथा उगत सुर प्रजा,श्वास से श्वास समायो*
*प्रथा उगत सुर प्रजा,जगत रीत एह जमायो*
*मारग माणह ना मारगे,ई ऊभो न रहतो आथ*
*पट निहर प्रोढ़ अवनी परे,सुर मित शिखवे संगाथ*

*(23-06-2019)*

*रवि सुबोध रट राम,नाम कुल वंश नरंदा,*
*महा युद्ध मही राण,कर्ण रूप तही करंदा*
*मांडवराय महान,आप परमोरु अंकन,*
*जडयो अंश हर जग्ग,तर्यो वट भर्यो सु टंकन*
*बनियो निमित्त हर युग भाण,सह चारण भ्रात समान*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,धरियो मित नित सुर ध्यान*

*(24-06-2019)*

*अनहद अतित अजेय,पतीत सु पावन परगट,*
*प्रश्न अळ्या  परमेय,जति शगति जोड्या जट*
*रच्या खेल रजवाट,वेल चढ़िये तरु वंशे,*
*कर्या  रूपे  किरतार,अमर पद नामसु अंशे,*
*प्रति अंश भर्यो परतापपुण,जे रह्यो रिदय महीराण*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,भजिया हर जग मित भाण*

*(25-06-2019)*


*प्रज्वळीत परताप,झळहळत आभ झबूके,*
*प्रज्वळीत परताप,चरण धर चढे नह चुके,*
*प्रज्वळीत परताप,अरक अभिमान अमारो,*
*प्रज्वळीत परताप,तरु पट जरणा तारो*
*नवकार प्रज्वळत नारणा,अमियल विष कर अमरीत*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,अवगुण मित हरो अजीत*

*(26-06-2019)*

*कोड करे काश्यपा,छमक लील धरणा छोगा,*
*कोड करे काश्यपा,प्रित हेताळ थी पोगा,*
*कोड करे काश्यपा,जोड़ कडीयु सांकड़ जड,*
*कोड करे काश्यपा,कळावे दल खल पर कड,*
*रंगिन कला तुज राजधणी,दल रंग भरा दमदार*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,भवने मित हरणा भार*

*(27-06-2019)*

*तम्म छम्म तरवाट,चढे चळकाट चितारे,*
*तम्म छम्म तरवाट,दिग्ग आवन अम द्वारे,*
*तम्म छम्म तरवाट,गंग आकाश ग्रजावे,*
*तम्म छम्म तरवाट,भ्रम्म तमसार भगावे,*
*भल दम्म दिगंबर भाणलो,सज रह्यो वीर सुरपाल*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,निरमित जग करियो न्याल*

*(28-06-2019)*

*कण कण कश्यपराय,विद्व वसुनाथ विराजी,*
*दियण तत्व दरशाय,बृहद अवकाशे बाजी,*
*अमल आप आधार,कमल सम सौरभ करणा*
*असर तोड़ अंधार,विमल  परकाशी वरणा,*
*अम नजरे तेज अपावियो,पथ दिर्घ दियो प्रतिपाल*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,जकडी मित भगती जाल*

*(21-06-2019)*

*वित्त चित वर्दित्त,नित्त जोडित नारायण,*
*नवकारी नवनीत,भीत भव प्रिते भायण,*
*वर्ण योग वर्णीत,कळा नर क्रिते करणा*
*जीवन योवन जीत,सदा रह तमसु शरणा*
*अज योग तणा तुही आध्यदेव,मुल योग तिहारे मान*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,सुर मित राखण तन शान*

*(22-06-2019)*

*प्रथा उगत सुर प्रजा,टेम धरियो जग टल्लो*
*प्रथा उगत सुर प्रजा,शिष्त भर्यो रग सल्लो*
*प्रथा उगत सुर प्रजा,श्वास से श्वास समायो*
*प्रथा उगत सुर प्रजा,जगत रीत एह जमायो*
*मारग माणह ना मारगे,ई ऊभो न रहतो आथ*
*पट निहर प्रोढ़ अवनी परे,सुर मित शिखवे संगाथ*

*(23-06-2019)*

*रवि सुबोध रट राम,नाम कुल वंश नरंदा,*
*महा युद्ध मही राण,कर्ण रूप तही करंदा*
*मांडवराय महान,आप परमोरु अंकन,*
*जडयो अंश हर जग्ग,तर्यो वट भर्यो सु टंकन*
*बनियो निमित्त हर युग भाण,सह चारण भ्रात समान*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,धरियो मित नित सुर ध्यान*

*(24-06-2019)*

*अनहद अतित अजेय,पतीत सु पावन परगट,*
*प्रश्न अळ्या  परमेय,जति शगति जोड्या जट*
*रच्या खेल रजवाट,वेल चढ़िये तरु वंशे,*
*कर्या  रूपे  किरतार,अमर पद नामसु अंशे,*
*प्रति अंश भर्यो परतापपुण,जे रह्यो रिदय महीराण*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,भजिया हर जग मित भाण*

*(25-06-2019)*


*प्रज्वळीत परताप,झळहळत आभ झबूके,*
*प्रज्वळीत परताप,चरण धर चढे नह चुके,*
*प्रज्वळीत परताप,अरक अभिमान अमारो,*
*प्रज्वळीत परताप,तरु पट जरणा तारो*
*नवकार प्रज्वळत नारणा,अमियल विष कर अमरीत*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,अवगुण मित हरो अजीत*

*(26-06-2019)*

*कोड करे काश्यपा,छमक लील धरणा छोगा,*
*कोड करे काश्यपा,प्रित हेताळ थी पोगा,*
*कोड करे काश्यपा,जोड़ कडीयु सांकड़ जड,*
*कोड करे काश्यपा,कळावे दल खल पर कड,*
*रंगिन कला तुज राजधणी,दल रंग भरा दमदार*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,भवने मित हरणा भार*

*(27-06-2019)*

*तम्म छम्म तरवाट,चढे चळकाट चितारे,*
*तम्म छम्म तरवाट,दिग्ग आवन अम द्वारे,*
*तम्म छम्म तरवाट,गंग आकाश ग्रजावे,*
*तम्म छम्म तरवाट,भ्रम्म तमसार भगावे,*
*भल दम्म दिगंबर भाणलो,सज रह्यो वीर सुरपाल*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,निरमित जग करियो न्याल*

*(28-06-2019)*

*कण कण कश्यपराय,विद्व वसुनाथ विराजी,*
*दियण तत्व दरशाय,बृहद अवकाशे बाजी,*
*अमल आप आधार,कमल सम सौरभ करणा*
*असर तोड़ अंधार,विमल  परकाशी वरणा,*
*अम नजरे तेज अपावियो,पथ दिर्घ दियो प्रतिपाल*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,जकडी मित भगती जाल*

*(30-06-2019)*

*वस्यो नाथ विस्वास,नाथ वसियो नित नयने,*
*वस्यो नाथ विदआन,शान वसियो घट शयने,*
*वस्यो नाथ वीर वाक,धीर दल वसियो ध्याने,*
*वस्यो नाथ वित्त वाल,मित तुही वसियो म्याने,*
*हर पळ जीवन पथ हाजरे,प्रत वसियो बन अम प्राण,*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,भजियो मित रुदये भाण*

*(30-06-2019)*

*वस्यो नाथ विस्वास,नाथ वसियो नित नयने,*
*वस्यो नाथ विदआन,शान वसियो घट शयने,*
*वस्यो नाथ वीर वाक,धीर दल वसियो ध्याने,*
*वस्यो नाथ वित्त वाल,मित तुही वसियो म्याने,*
*हर पळ जीवन पथ हाजरे,प्रत वसियो बन अम प्राण,*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,भजियो मित रुदये भाण*


*🙏---मितेशदान(सिंहढाय्च)---🙏*

*कवि मित*

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