. कळजग ना कामा
. रचना: जोगीदान चडीया
माडी थावा मलकमां, कैक करी रइ कोड
जामी ऐनी जोगडा, हवे, हद रे बारी होड
. गीत
कळजुग तेंतो केवा आ मांड्या कांमा..
माताजी थावा बायुं मरे रेलोल...
धुंणी ने पाछी करे छे नकरा ढोंग
जोई ने मारो जीव बरे रेलोल...टेक
माताजी कदी फरे नई वादण वेहे
सापोलीयां ने हाथे धरी रेलोल...
माताजी कदी जोवे ना दख ना दांणा
बाधायुं न दे बाधा हरे रेलोल...
माताजी ने तो वाछीदां ने कुंढीयुं वाली
फेसन मां न फाटी पडे रेलोल...
माताजी कदी मेकप न चोपडे मोढे
अत्तर नव अंगे धरे रेलोल...
माताजी करे वेद पुरांणो नी वातुं
ने चडीया मारग चिंधे रेलोल..
माताजी एवुं जीभ के जोगीदान..
त्यां सोनबाई सामे फरे रेलोल...
रचना: जोगीदान चडीया. 9898360102
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