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21 नवंबर 2019

|| सूर्यवंदना || मितेशदान(सिंहढाय्च)

*(11-10-2019)*

*है नारायण हरी,खरी तुज रीत खलकमा,*
*है नारायण हरी,पड़े आदिंत पलकमा,*
*है नारायण हरी,जीवन जग ताप जीवाड़े,*
*है नारायण हरी,नकारा कर्म निवाडे,*
*प्रथमी नित पुजन प्रार्थिये,सहियारा है  सुरनाथ*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,मित पर कर हर सुर माथ*

*(12-10-2019)*

*जड़ थड जपिया जाप,आप सब मही अनूपं,*
*त्रिज्ञानी  मन  ताप,थाप दै भर्या ए स्तुपं*
*परगट थई परताप,जगत पावन घट जोड्यु*
*आखर एक जे आप,तिमिर अभिमान ज तोड्यु*
*जे देव कियो नह जगतमें,इ भरियो तेज ते भाण*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,प्रोढे पुरिया मित प्राण*


*(13-10-2019)*


*सकळ शुन्यअवकाश,निदर्शत आप निहारो,*
*सकळ शुन्यअवकाश,सजावट शशी सवारो,*
*सकळ शुन्यअवकाश,छता खाली नही छानु,*
*सकळ शुन्यअवकाश,भर्यो परकाश ते भानु,*
*अगणित जगा अंधारपणे,सजीयो सुरज समराट,*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,परगट मित बेठो पाट*


*(14-10-2019)*


*वखत वसी वरदाण,सम्यो तुज अंदर सायो,*
*वखत वसी वरदाण,भेद तप मही भरायो*
*वखत वसी वरदाण,दिनवसू आभ न दीठे*
*वखत वसी वरदाण,पाठ नह  पाठत पीठे*
*सुर तेज तणो समराट शूरो,हर वखत सु देव हयात*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,प्रगटे मित हरदम प्रात*



*(15-10-2019)*


*भुजा विशाला भाण,एक हथ्थे धर ढांके*
*भुजा विशाला भाण,तिमिर द्वि हथ्थे ताके*
*भुजा विशाला भाण,अमर पद जीवन आपे*
*भुजा विशाला भाण,चतुर हथ्थे दल चापे*
*चौ हस्त दिश चौ काम चले,चौ ताप हरेय चितार*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,सुरजण मित साचो सार*


*(16-10-2019)*

*देव उग्यो दिनराज,पीताम्बर वाघा पेहरी*
*देव उग्यो दिनराज,कसुंबल रंग केहरी*
*देव उग्यो दिनराज,अश्व पर चढ़ अलबेलो*
*देव उग्या दिनराज,प्रथम उगतो धर पेहलो*
*प्रगट्या धराय परमारथी,अखिलेश्वर सुरज आप*
*पट निहर  प्रौढ़ अवनी परे,जोता मित जपतो जाप*

*(17-10-2019)*

*अखिल धरानी आस,नाथ नारायण नामी,*
*सर्वेश्वर  हय  श्वास,किरत जगराण तु कामी,*
*भय हरणा भवदेव,त्रिकाली अमर तिमिरहर*
*तेज प्रसारव टेव,धरण नित राख धरोहर*
*वदता तुज नाम वखाणमा,मुजो आतम महेकाय*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,गुण मित दर्शन कर गाय*


**18-10-2019)*

*उभय उजागर अंग,रंग पिताम्बर राजा,*
*उभय उजागर अंग,बंग वैराट  बिराजा*
*उभय उजागर अंग,तपे हर तेज तिहारा*
*उभय उजागर अंग,सदा जग बण्या सहारा*
*अभयकरा अवीनाश अरक,आ तपिया जो तुज अंग*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,राखण मित मनडे रंग*


*(19-10-2019)*

*तेज ताण तुज ताप,जाप जोवे जगदंबा,*
*तेज तणा तुज ताप,अमरपद अजया अंबा,*
*तेज तणा तुज ताप,भुवन भ्रम भेद भुलावे,*
*तेज तणा तुज ताप,देव दन दल दिपलावे,*
*आ धर परना अंधारने,तु हरीले तारणहार*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,अमणो सुर मित आधार*

*(20-10-2019)*


*भाल वसी नुर भाण,जगत नुर तेज जगावे*
*भाल वसी नुर भाण,भुवन हर भ्रम्म भगावे*
*भाल वसी नुर भाण,शक्ति शणगार सजावे*
*भाल वसी नुर भाण,भगती नित मन्न भजावे*
*ब्रह्मांड तणा आ बागमा,फरकावै फोरम फाल*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,भव मित सज्यो सुर भाल*

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