*खाखी नु जोर*
*तुम्बरो*
*धोका लै ने धामधुम,विदाइ देता वीस,*
*अरररर मारा इश,मोर बोली ग्या मितभा*
*कवित*
*दख न सु अखज बल रखज नकोय होय,कांधन कु जोर तिहि मन्नख कळायो है,*
*आतल न बातल रसातल कु रंगसोय,अंग सोय कारण धर खाखी लगवायो है,*
*गो नकोय खे धर तल पा धरा पर गुणोय,होय भल्ल हांक सु ए सादुडो कहायो है,*
*नक्कल को अक्कल दिलावे अटकल्ल सो,बक्कल बन देश को ये मित को सहायो हे,*
|| सवैयों ||
*जकड़ी बंध जोड़ कड़ी ज कड़ी,अकड़ी सब जोड़ भरी अकड़ी,*
*अकड़ी लिये पाण कड़ी पकड़ी,पकडी सह गांठ कुटि ल कड़ी,*
*लकड़ी सगी ना हीन बेल कड़ी,तकड़ी पुठ लोक पड़ी ककड़ी,*
*फकडी मित भार चडी लकड़ी जद भान ठर्यो उकडी उकडी,*
*कवि मितेशदान गढवी(सिंहढाय्च)*
9558336512
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