.

"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

આઈશ્રી સોનલ મા જન્મ શતાબ્દી મહોત્સવ તારીખ ૧૧/૧૨/૧૩ જાન્યુઆરી-૨૦૨૪ સ્થળ – આઈશ્રી સોનલ ધામ, મઢડા તા.કેશોદ જી. જુનાગઢ.

Sponsored Ads

Sponsored Ads

.

Notice Board


Sponsored Ads

7 जनवरी 2016

तथा पी रह्या न यथा देह त्यागी रचना...राजकवि पिंगलशीभाई पाताभाई नरेला..भावनगर

.                " तथा  पी रह्या न यथा देह त्यागी"
                
          .                  छंद....भुजंगी
    रचना...राजकवि पिंगलशीभाई पाताभाई नरेला..भावनगर
                    पिंगळवाणी पृष्ट 10, 11.
                      ...          दूहो....
       ।।  दुःख सहता जगमे तउ,मन रहेता मगरूर
                               केहता संत पुकार के,धरा धाम सब धुर. ।।
धरा बीच राजा हुवा मानधाता गज ग्राम दाता सबे शास्त्र ज्ञाता,
भूमि काज नवखंड किना सुभागी, तथापी रह्या न यथा देह त्यागी...1
उज्जैन हुवा वीर विक्रम ऐसा, परार्थे लगाया अहो कोटी पैसा.
सदानंदकारी विहारी सुहागी, तथापी रह्या ना यथा देह त्यागी.......2
रतीवंत देखो हुवा भोज राजा, मतिवन्त दानेस्वरि वंश माजा
रधी समृद्धि दवार विध्यानुरागि,तथापि रहया ना यथा देह त्यागी....3
पृथुराज दिल्ली पति मर्द पूरा, चड़े सोल सामंत शत शूरा
लयी संग गोरी भूमिकाज लागि, तथापि रह्याना यथा देह त्यागी......4
हुवा अकबर दुष्मनकु हटाया,जहांगीरने हुकम अच्छा जमाया,
महावीर ठाड़े रहे माफी मागी, तथापि रह्या ना यथा देह त्यागी........5
शिवाजी भया राज कीना सतारा, दीया दान हाथी कविको हजारा
उमानाथ जेसे जर्रे  क्रोध आगी, तथापि रह्या ना यथा देह  त्यागी......6
रह्या ना अनादि अबे ना रहेगा,  कवि लोग सदकीर्ति आगे कहेगा
पढ़े पिंगल छंद गोविंद ग्रागी,    वृथा हे सबे जकत जानो  विरागी........7
अनिरुद्ध नरेला ना जय माताजी.

1 टिप्पणी:

Daulatsinh Gadhvi ने कहा…

I like to hear.charani sahity no anmol khajano.

Sponsored Ads

ADVT

ADVT