भावनगर राजकवि पिंगलशीभाई पाताभाई नरेला रचित माँ खोडियार नी गरबी
खोडीयार छे योगमाया , मामडीयानी
खोडीयार छे योगमाया ........टेक
खोडीयार छे योगमाया ........टेक
करुणा राखीने पोते करे छे .
सेवकने हाथथी छांया .....मामडीयानी.....(1)
सेवकने हाथथी छांया .....मामडीयानी.....(1)
महा रोगवाळा माने जे मानता .
कुंदन जेवी करे काया .....मामडीयानी ....(2)
कुंदन जेवी करे काया .....मामडीयानी ....(2)
भाव थकी भपतिओ राखे भरुंसो,
दुनियामां डाया डाया .......मामडीयानी .....(3)
दुनियामां डाया डाया .......मामडीयानी .....(3)
नमी नमी शरणणंमां नवे नोरतामां ,
गुण कवि पिंगल गाया ......मामडीयानी ......(4)
गुण कवि पिंगल गाया ......मामडीयानी ......(4)
आ रचना मोकलवा बदल वडील श्री अनीरुध्धभाई नरेलानो आभार .
रचयता:- भावनगर राज कवि श्री पिंगळशीभाई पाताभाई नरेला
टाईप :- मनुदान गढवी .
वंदे सोनल मातरम्
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