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આઈશ્રી સોનલ મા જન્મ શતાબ્દી મહોત્સવ તારીખ ૧૧/૧૨/૧૩ જાન્યુઆરી-૨૦૨૪ સ્થળ – આઈશ્રી સોનલ ધામ, મઢડા તા.કેશોદ જી. જુનાગઢ.

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13 मार्च 2016

मुसाफिर हुं मुसाफिर छुं रचना :- राजभा गढवी

.       मुसाफिर हुं मुसाफिर छुं
.       गझल
. रचना :- राजभा गढवी
मुसाफिर हुं मुसाफिर छुं, लहेरनी वाट लेवी छे,
मळे सथवारो जो सारो, तो ऐक बे वात केवी छे... टेक
गवनना छांयडा नीचे, हजारो गांव हालीने (2),
आवे आफत साथीने, तो ऐनी घात लेवी छे.
               मुसाफिर हुं मुसाफिर छुं...1
आकाशे चांद ताराने, नीचे धरती अमारी छे(2),
समंदर तो हैयामां छे, ऐवी घुघवाट लेवी छे.
               मुसाफिर हुं मुसाफिर छुं...2
हुंये तमारा जेवो छुं, मारी तासीर जुडी छे (2),
मळे जो हेतु साचा, तो हवे चोपाट लेवी छे.
               मुसाफिर हुं मुसाफिर छुं...3
बधी दुनिया तमारी छे, अमारे कांई नां जोईऐ(2),
तमारा बागनी ऐकज, कळी संगाथ लेवी छे.
               मुसाफिर हुं मुसाफिर छुं...4
तमारी हेडकी आवे, तोईऐ आ "राज" राजी छे (2),
आखुं आयुष्य आपीने, ऐक मुलाकात लेवी छे.
                मुसाफिर हुं मुसाफिर छुं...5

रचना :-चारण कविश्री राजभा गढवी

संदर्भ :- गीरनी गंगोत्री पाना नं-241 पर थी

टाईप बाय :- www.charanisahity.in

       वंदे सोनल मातरम्  

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