हे जग जननी हे जगदंबा, मात भवानी शरणे लेजे,
आध्यशक्ति मा आदि अनादी, अरजी अंबा उरमा लेजे,
हे जग जननी......
आध्यशक्ति मा आदि अनादी, अरजी अंबा उरमा लेजे,
हे जग जननी......
होय भले दु:ख मेरु सरीखु, रंज एनो ना थावा देजे,
रज सरीखु दु:ख जोइ बीजानु, रोवाने बे आंसु दे,
हे जग जननी......
रज सरीखु दु:ख जोइ बीजानु, रोवाने बे आंसु दे,
हे जग जननी......
आतम कोइ नो आनंद पामे तो, भले संतापी ले मुज आतमने,
आनंद एनो अखंडीत रे'जो, मने कटंक दे, एने पुष्पो दे,
हे जग जननी......
आनंद एनो अखंडीत रे'जो, मने कटंक दे, एने पुष्पो दे,
हे जग जननी......
धुप बनु सुगंध तु लेजे, राख बनी उडी जावा देजे,
बळु भले, बाळु नही कोइने, जीवन मारु सुगंधीत करजे,
हे जग जननी......
बळु भले, बाळु नही कोइने, जीवन मारु सुगंधीत करजे,
हे जग जननी......
कोइना तीर नु निशान बनीने, दिल मारु विंधावा देजे,
घा सही लउ, घा करु नही कोइने, घायल थइ पडी रे'वा देजे,
हे जग जननी......
घा सही लउ, घा करु नही कोइने, घायल थइ पडी रे'वा देजे,
हे जग जननी......
अमृत मळे के ना मळे मुजने, आशिश तु अमृतमय देजे,
जेर जीवनना हु पी जाणु, पचा ववानी तु शक्ति दे,
हे जग जननी......
जेर जीवनना हु पी जाणु, पचा ववानी तु शक्ति दे,
हे जग जननी......
शक्ति देजे मने भक्ति देजे आ दुनियाना दु:खळा सहेवाने,
शांति दुर्लभ माँ तारा शरणे, मात मने तु खोळे लेजे,
हे जग जननी......
शांति दुर्लभ माँ तारा शरणे, मात मने तु खोळे लेजे,
हे जग जननी......
आ रचना कोणे टाईप करीछे खबर नथी पण जेमणे करी होय तेमनो खूब खूब आभार
वंदे सोनल मातरम्
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें