ग्नान दीकरीयु ने गीर मा दीधो ते देवल आई |
करवा पुरव ना काज साक्सात आवी सोनबाई ||
देवल दया थी दी दसमा पैसा थया करोड पाच |
भणतर ने भाई चारा नी बहू मोटी थासे ब्राच||
छात्रालय नी छोर मा चमकशे कैक चारण |
देवी वडी मैया देवल तु छो साची तारण ||
दीन रात देवल मैया मा नीरखे चारण नात |
मावडी प्रगट माणका ई मढडा वारी मात ||
रचियता :- माणेक पी,गढ़वी मोटा भाडीया कच्छ
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