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"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

આઈશ્રી સોનલ મા જન્મ શતાબ્દી મહોત્સવ તારીખ ૧૧/૧૨/૧૩ જાન્યુઆરી-૨૦૨૪ સ્થળ – આઈશ્રી સોનલ ધામ, મઢડા તા.કેશોદ જી. જુનાગઢ.

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18 जुलाई 2016

सहेज पण सहेलुं नथी....! कवि चकमक

सहेज पण सहेलुं नथी....!

स्नेहने विस्तारवानुं सहेज पण सहेलुं नथी,
ने घृणाने नाथवानुं सहेज पण सहेलुं नथी....!

सुशील, समथॅ अने सक्षम व्यकितओने ऐकजुट करी आयोजन करवुं सहेज पण सहेलुं नथी....!

जीवननी व्यस्तामांथी समय नीकाळी जनसेवा करवानुं सहेज पण सहेलुं नथी...!

चतराई चारण तणीना संदभेॅ डाह्या माणसो पासे काम कढाववुं सहेज पण सहेलुं नथी....!

माँ नी दया होय तो ज थाय बाकी, मान सरोवरना हंसोने छीछरा जळमां संतोष आपवो सहेज पण सहेलुं नथी....!

समाजसेवा करनारने सरपाव आपवानो रिवाज नथी पण ऐनी सेवानी नोंघ लेवी सहेज पण सहेलुं नथी....!

कयां अधरी छे चोवट करवानी कळा, हजार माणसो काम बतावनार होय त्यां एेक माणसथी काम करवुं सहेज पण सहेलुं नथी...!

'' चकमक '' कविताओ करी लोकोने उपदेश आपवो सहेलो छे पण खरेखर तन, मन, घनथी समाजसेवा करवी सहेज पण सहेलुं नथी....!

जय माताजी.

                    कवि चकमक.

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