.

"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

Buy Now Kagvani

Sponsored Ads

Sponsored Ads

.

Notice Board


Sponsored Ads

16 अगस्त 2016

रचना

जिंदगी तारा सफर ने थोडो विराम दऊं?
मन ना जंजावातो ने क्षणीक आराम दऊं?

ऊकणती लागणीओ थी हवे धडाय गयो छुं
छतां मणे जो ऐकांत खुदने थोडी हाम दऊं?

अमस्तुं लागणीसभर बेरोजगार रहे छे ह्रदय
शीखाडी ने गरज मतलबी थोडुं काम दऊं?

नशो लागणी नो दील थी ऊतरी रह्यो "देव"
तो लईने खाली जाम ऐने भरेलो जाम दऊं?

✍🏻देव गढवी
नानाकपाया-मुंदरा
      कच्छ

कोई टिप्पणी नहीं:

Sponsored Ads

ADVT

ADVT