-----------धडकनें भी--------------
धडकनें भी मेरी,साँसों सी,हैरां होगी
ख्वाहिशें भी मेरे,ख्वाबों सी परेशां होगी
धडकने भी..
युं तो हर वक्त,खयालों में,रहते हो तुम
क्या हकीकत भी कभी, मुझ पे, महेरबां होगी?
धडकनें भी..
सफर-ऐ-दर्द में,गर साथ जो दोगे मुझको
रात खुशीयों की,और सहर भी सुहानी होगी
धडकनें भी..
शब-ऐ-तन्हाई का,गम दील में छुपायें कैसे?
बात "देव" दील की तो,आंखों से ही बयां होगी
धडकनें भी..
✍🏻देव गढवी
नानाकपाया-मुंदरा
कच्छ
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