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"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

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4 सितंबर 2016

सूर्य वंदना -04-09-16 रविराज भाचळीया

वंदे जग तुनें वालथी, अरक आपें अण माप,
भाचळीयो रवि भणे, पसे टाढक्युं हो के ताप,

हे भगवान सूर्य नारायण देव आखुय जग तमनें खुबज वहाल थी अनें हेत प्रेम राखी नें वंदे छे अनें भीतर ना भावथी भजे छे आप पण सउं नें अण माप आपो छो कोईनें अन्याय कर्या विनां तडको के टाढ्य बेई सरखाज जीव मात्र नें आपो छो ऐवां न्याय परफेक्ट नारायण आपनें मारा नित्य क्रम मुजब हजारो हेत वंदन हो प्रभु.... 🙏🏼🌹🙇🏻🌅🌞🌅🙇🏻🌹🙏🏼

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