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"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
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20 सितंबर 2016

मां मोगल वंदना : रचना :- दिलजीतभाई गढवी

*मां मोगल वंदना*
   
         *चरज*
राग..मारु संदेशो मोकले...

ओखा धराने उजाळवा आवी मोगल रुपे मात,
भळिया वाळी भजिये तूने विश हथी विख्यात,...1

काळा सर्पो नो कोरडो हाथे तेग खूली तलवार,
यूधे मंडाणी आईमां तेदी दैय्त डोलावण हार...2

दैय्तो जेदी हूकळ्या ऐणे लोपी सीमाडा नी लाज,
रथडों मेलीन रणमां कूदी तूं चारणो नी सरताज....3

आंखडी ताणी आई खिजाणी
डोल्या दशे दिग्गपाळ,
शेष धरा ने काचबो कंप्या तूं
वेगे बनी विकराळ....4

मेली मरजादा मूगलाऐ तारा अंगडा माग्या आई,
तेदी'भेळियानी तें भेट वाळीने तूं बव खीजाणी बाई....5

शिष आकाशे पग पाताळे विह भूजा विख्यात,
दैय्तो हूंदो दाट वाळ्यो ने घट
मिटावण घात,...6

भाव थी भजे *दिलू* भेवलियो
अंतरनी पूरो आश,
याद करंता आवजो माडी खबरु लेवा खास,...7

*जै मां मोगल वंदना*
*दिलजीत बाटी ना*
जै मायाजी *ढसा जं*
*मो.9925263039*

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