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17 सितंबर 2016

मां सोनल चालीशा : रचना :- दिलजीतभाई गढवी

*मां सोनल चालीशा*

        *दूहो*
प्रभाते प्रथम वांचिये सोनल चालीशा,
आई पूरे आशा मढडा वाळी
मावडी,
          *छंद*
जै सोनलमां  जै  माताजी
आद्यशकित  के  अंबाजी
जन्म्या चारण कूळ जोराळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..1

कफरा आ कळी काळे आव्या
स्नेह छौरुडा पर लाव्या
हानी  हरवा ने  हेताळी
जै जै जै मां मढडा वाळी...2

अज्ञान ने मां अळगा कीधा
अक्षरना रुडा ज्ञान तें दिधा
भणाव्या छोरुने  भूजाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी...3

गंगा  जेवू  पवित्र   झरणूं
सूख आपेछे  मांनू  शरणूं
दळणू करीने दूःख दळनारी
जै जै जै मां मढडा वाळी...4

व्रण माथे हती रात अंधारी
एमा ज्ञाती जो  अटवाणी
प्रगटी ई  वखते  परचाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी...5

कू-रिवाजो  कोरे  करवा
आव्य आई आपदा हरवा
धींगी धरामा धाम धजाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी...6

चारण धारण शब्द सूणायो
वरण आखा  ए    वधाव्यो
हस्ते मूखे  दई  हरीयाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी...7

पापीना ज्यां पाप हटे छे
माना शरणे रोग मटे छे
धन्वंतरी मां देवी दयाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी...8

शरणे तारे सूखनो  दरियो
अखूट खजानो आंगण भरियो
खूटे नहि खर्चे खपराळी
जै जै जै मां मढडा वाळी...9

सत्त चूकेला चिले चाल्या
बावडूं झाली पाछा वाळ्या
डारो दिलथी दईने दयाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..10

संकट वखते राह  बतावे
आधी व्याधी ने अळसावे
उपाधी अळगी करनारी
जै जै जै मां मढडा वाळी..11

चंडी साची सूखनी राशी
आई अमाणी छो अविनाशी
मढडा निवासी मांने भाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..12

जळहळ ज्योती मढडे जागी
लग्नी मांना शरणे लागी
हमीर दूलारी मां हेताळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..13

मूर्ति मां नी मंगल कारी  अ'मंगळ अळगा करनारी
ओपे माथे कामळी काळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..14

अन्नपूर्णा छे आई अमारी
विघन नाख्या बधा विडारी
तारवा आवी मां तत्काळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..15

भव सागरमां भूला पडेला
चित जेना चकडोळ चडेला
चारण छोरु लिधा संभाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..16

चारण धारण एक थवानी
भेद मटाड्या बधा भवानी
तिमीर सघळा दिधा टाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..17

बावडूं थोभी बाई बचावो
मारग साचो मात बतावो
स्नेहथी लेजो मने संभाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..18

जगमां शकित जीत अपावे
जिभेथी  जगदिश  जपावे
वरुडी स्रुपा वडहथ वाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..19

स्नेह सरुपी समता तूछो
मात अमारी ममता तूछो
जीवन दिधू आई उजाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..20

आफत आवे जो अणधारी
वेगे देजो  मात  विदारी
वारु करजो वालप वाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..21

संकट वखते साद करुछू
धाबळियाळी ध्यान धरुछू
कांठे करजो आई कृपाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..22

जहांज जूनूने जळछे जाजू
लोबडीयाळी राखो लाजू
नेखमें लावो नाव नेजाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..23

काळी अंधारी कांईन सूजे
मेघली राते थरं थर धृजे
व्हाण तारी ल्यो विगतवाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..24

तोफानी दरियेथी  तारो
निजाश्रीतने आई उगारो
भै हरी ल्यो भेळियावाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..25

नजरे राखो नाव अमारु
बळवंत लावो हेते बारु
तारील्योने त्रिशूळवाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..26

साचे गळगळो साद थयोछे
अंतरथी आराध  थयोछे
बाळ बचावो मां बिरदाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..27

देश सोरठने  तमे  दिपाव्यो लाव अनोखो अमने अपाव्यो
आई राणलनी कूंख उजाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..28

मारु तूंबेल अने परजियो
अगरवसोने वळी सोरठियो
भेद भूसाणा बधा भूजाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..29

सघळी शांती मातु शरणमा
आई अमारी वडी वरणमा
हमीर धीडी हरख वाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..30

शिष आकाशे पग पाताळे
भूवन त्रणै  नजरे   भाळे
आभ अटारिये आसनवाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..31

हरीहरना ज्यां साद पडे छे
जमनारा ज्यां भोळा जडे छे
ठहक थी मां पिरसे थाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी.32

आई अंधाराने अळसावो
लाड छोरुने खूब लडावो
तूं दयाथी ज्ञाति तेजाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..33

अंतर थी जे याद करे छे
तेने सहाई तरत मळे छे
पूगे वारे  मां  पगपाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..34

वरसे तूं वरसाद सरुपे
मां  देखाणी दिपे  धूपे
थडां मंदिरे थानक वाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..35

शकित सांभळ साद अमोरो
सारो नठारो छू बाळ तारो
गूना जोशोना मां गूणवाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..36

व्याधीने विखवाद हरील्यो
दर्द देहना दूर करी  दयो
दवा मटाडो  हवे  दयाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..37

नाभी कमळनो नाद थयो छे
वालपनो वरसाल अंयो छे
विजा रुपे  मां  वरताणी
जै जै जै मां मढडा वाळी..38

विरडो वालप वाळो मां छे
मां दया थी खम्मा खम्माछे
क्षमा धरो ने मां सतवाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..39

चरणे मांना शिष नमावू
स्नेहे चालीशा संभळावू
बाटी दिलजीत बाळ दयाळी
जै जै जै मां मढडा वाळी..40
           *दूहो*
चालीशा नो स्नेहथी जे करशे कायम पाठ,
आई सोनल आपशे ठाकर वाळो ठाठ;       1

भजन भाळी भावनू आई आवे अविलंब,
मढडा वाळी मावडी जै सोनल जगदंब,   2

सवार सांज संभारशे जे अंतर
धरी उमंग,
आई सोनल आपशे राज समो  नित रंग,      3

*मां सोनल चालीशा*
एटले मां सोनल नू महीमा
गान आई सोनल मां चारण समाज माटे मोटां मां मोटूं
श्रध्धा नू केन्द्र एटले मां नू मढडा अने आई सोनल आजे जे आपणा समाज नी भव्यता
देखाय छे ई मात्र ने मात्र जो
कोई नो प्रताप हाय तो ई आपणी आई सोनल नो
प्रताप कहेवामा जराय अतिश्योकित नही कहेवाय
माटे माना गूणगान गावा माटे
चालीशा लखाणी छे नही के
विद्वता बताववा माटे हूं ठामूको विद्वान नथी कोई पण जात नू जाजू भणतर नथी
छता मां उपर नी श्रध्धा आखा समाज ने सविशेष होय छे तेथी भूल होय तो भूल साथे स्वीकारशो एवी आशा साथे *दिलजीत बाटी*
ना *जै सोनल*
*मो.9925263039*

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