.

"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

આઈશ્રી સોનલ મા જન્મ શતાબ્દી મહોત્સવ તારીખ ૧૧/૧૨/૧૩ જાન્યુઆરી-૨૦૨૪ સ્થળ – આઈશ્રી સોનલ ધામ, મઢડા તા.કેશોદ જી. જુનાગઢ.

Sponsored Ads

Sponsored Ads

.

Notice Board


Sponsored Ads

6 सितंबर 2016

आई वरुवडी...!

आई वरुवडी...!

आई श्री वरुवडी बे थया छे. प्रथम अने द्वीतीय, तेमां आई श्री पीठड अने रा' नवधणना समकालीन जे वरुवडी थया ते प्रथम वरुवडी छे.
चारण समाजनी मुख्य शाखा नराशाखानी पेटा शाख गोखरुमां आई वरुवडी थया. चारण चांखडोजी गोखरु अाई वरुवडीना पिता हता. तेमनुं आईनुं जन्मस्थान कच्छना भचाउ पासेनुं खोडासर गाम हतुं. ऐम कहेवाय छे के आई वरुवडीने जन्मतां ज मुखमां बत्रीस दांत हता. तेमनां उपला जडबे वच्चेना भागे बे दांत लोढा जेवा कठोर अने रंगे काळा हतां. एेटले तो तेमना माटे कोई कविनुं वाकय छे.
'' दांता बत्रीसा सोत जाई, लीया दांत सु लोहरा. ''
आना कारणे मा वरुवडीनुं थोडुं रुप कदरुपुं अने वरवुं लागतुं जेना कारणे सौ तेने हुलामणा नामथी संबोघता कोई ( वरवी ) कदरुपी कोई वळी मोटुं वरदान देनारी वरवडी के वरुडीथी बोलावता.
आजे पण कच्छमां आई वरुवडीना जन्मस्थळे ऐटले के खोडासर गामे आईनो ओरडो पूजाय छे. अने वरुवडीना पिताश्रीऐ बंघावेल ऐक नाना ऐवा तळावने '' संखडासर  '' थी सौ ओळखे छे.
जुनागढना रा' नवधण पहेलाने आई वरुवडीऐ सहाय करेली.

जीण नवधण जमाडीयो,
सूरज  शशियर शाख !
वळा संपूरण वरवडी,
निमत्र कटक बड लाख !!

जय माताजी.

प्रस्तुति कवि चकमक.

कोई टिप्पणी नहीं:

Sponsored Ads

ADVT

ADVT