.

"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

આઈશ્રી સોનલ મા જન્મ શતાબ્દી મહોત્સવ તારીખ ૧૧/૧૨/૧૩ જાન્યુઆરી-૨૦૨૪ સ્થળ – આઈશ્રી સોનલ ધામ, મઢડા તા.કેશોદ જી. જુનાગઢ.

Sponsored Ads

Sponsored Ads

.

Notice Board


Sponsored Ads

27 अक्तूबर 2016

।। नदी रुपाळी नखराळी।। रचयिता -कवि दादूदान प्रतापदान मीसण

।। नदी रुपाळी नखराळी।।
     
             ।।छंद – त्रिभंगी।।
डुंगर सूं दडती, घाट उतरती, पडती पडती, आखडती।
आवै उछळती, जरा नि डरती, हरती फिरती, मद झरती।
किलकारां करती, डगलां भरती, जाय गरजती जोराळी।
हिरण हलकाळी,जोबन वाळी,नदी,रुपाळी, नखराळी।।1।

आंकडियां वाळी, वेल घटाळी, वेलडियाळी, वृखवाळी।
अवळां आंटाळी, जांमी झाळी, भेखडियाळी, भे वाळी।
तिणने दे ताळी, जातां भाळी, लाखणियाळी लटकाळी।
हिरण हलकाळी, जोबन वाळी,नदी,रुपाळी, नखराळी।2।

जोगंद्र जटाळा, भूरी लटाळा, चाल छटाळा चरचाळा।
डणके डाढाळा, सिंहण बाळा, दस्स हथाळा, दे ताळा।
मोटा माथाळा, ग्रजवै गाळा, हिरणियाळी, हुंकारी।
हिरण हलकाळी, जोबन वाळी, नदी,रुपाळी, नखराळी।3।

गांगडिया वाळी, मां ममताळी, खोडल माडी, खपराळी।
बैठी वहां बाळी, कायम काळी, जतन कराळी, जोराळी।
थांनक लै थाळी, नैवध वाळी, मानव आवत, सरधाळी।
हिरण हलकाळी, जोबन वाळी,नदी,रुपाळी, नखराळी।4।

डेडां डळवळतां, झुंड झळुबतां, मग्गर फरता मुंह फाडै।
जळ कुकड चरतां,बतख विहरतां,दादर डहकत,दिन दाडै।
माछलियां टोळां, करे किलोळां, बुगला बहोळा,बहु भाळी।
हिरण हलकाळी, जोबन वाळी, नदी,रुपाळी, नखराळी।5।

आंबा आंबलियां, उम उंबरियां, खेर खिजडियां, बोरडियां
केसुडां कळियां,वा खाखरियां,हेम री कळियां, आवळियां।
जण प्रथी उतरियां, हूरां परियां, वेलड वळियां, जळ गाढी।
हिरण हलकाळी, जोबन वाळी, नदी,रुपाळी, नखराळी।6।

रायण कोळंभा, ले अवळंबा, जोय जळंबा, जळबंबा।
कर केश कलंबा, बिखर लंबा, जै जगदंबा, वन अंबा।
“दादल” दिल रंगी, छंद त्रिभंगी, बण्यो उमंगी, बिरदाळी।
हिरण हलकाळी, जोबन वाळी, नदी,रुपाळी, नखराळी।7।

वरखा रुत घेली, जोम भरेली, नदी नवेली, नवढा सी।
सह नदीयां पहली, जात वहेली, शायर वहाली,चपला सी।
ठेबां दे ठेली, हा हडसेली, मारग मेली, खरताळी।
हिरण हलकाळी, जोबन वाळी, नदी,रुपाळी, नखराळी।8।

फळ फूल खिलंतां, कोक किलंतां, पंछी फिरंतां, पचरंगी।
थै थै थनगनतां, मोर नचंतां, नित नरखंतां, नवरंगी।
ढेलडियां ढूंगां, चढती रुंखां, एहडा मुंगा, दरसाळी।
हिरण हलकाळी, जोबन वाळी, नदी,रुपाळी, नखराळी।9।

खळ खळ ता झरणां, लीलां तरणां,चरतां हिरणां,ठेक भरै।
कई श्वेत सु वरणां, नीलां वरणां, कंकु चरणां, फूल करै।
मधुकर गुंजारं, भांत अठारं, बनि बहारं, बिरदाळी।
हिरण हलकाळी, जोबन वाळी,नदी,रुपाळी, नखराळी।10

रचयिता -कवि दादूदान प्रतापदान मीसण
                    प्रेषक
             आशुतोष चारण
🌹 🌹 जय महाकाल ग्रुप 🌹 🌹

कोई टिप्पणी नहीं:

Sponsored Ads

ADVT

ADVT