.

"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

આઈશ્રી સોનલ મા જન્મ શતાબ્દી મહોત્સવ તારીખ ૧૧/૧૨/૧૩ જાન્યુઆરી-૨૦૨૪ સ્થળ – આઈશ્રી સોનલ ધામ, મઢડા તા.કેશોદ જી. જુનાગઢ.

Sponsored Ads

Sponsored Ads

.

Notice Board


Sponsored Ads

1 अप्रैल 2017

भीतरनो वैभव...!

भीतरनो वैभव...!

आपणे अंदरथी खाली थई गया छीऐ, मात्र बहारनो वैभव रहयो छे. वैभव तो अंदरनो होवो जोईऐ.

तुलसीदासजी केवळ पाननो लंगोट पहेरता ने मुंजना धासनी जनोई राखता. कपडां तो पहेरता ज नहोता. छतां रहीम द्वारा चित्रकूटमां अकबरनो पत्र आवतो हतो के, ' तुलसी को ऐक बार हमारे दरबारमें लाईऐ. '
त्यारे तुलसीजी कहेता, '' हमारे सरकारका दरबार तो बहोत बडा है. हम अकबर के दरबार में कयों जाये ? ''

आनुं नाम भीतरनो वैभव.

डो. राघाकृष्णनने कोईऐ पूछेलुं के, आजकाल लोको फरवा नीकळे त्यारे अाटला बघा सज्ज थई ने केम नीकळे छे ? त्यारे ऐमणे कहेलुं के, '' अंदर कंई नथी ऐटले बहारथी तैयार थवुं पडे छे. ''

जय माताजी.

प्रस्तुति कवि चकमक.

कोई टिप्पणी नहीं:

Sponsored Ads

ADVT

ADVT