*महाराणा प्रताप नी जन्मजयंती नी खूब खूब शुभेच्छा*
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*||महाराणा प्रताप ||*
*||छंद-हरिणझंप ||*
*||कर्ता मितेशदान महेशदान गढ़वी(सिंहढाय्च)||*
युद्ध में फ़फ़णेय दुशमन,
तेगसे कटताय कई तन,
दहाड़ देतो वीर राणो,
पोगियो दळ थाप,
तणणण टंकार कर तीर,
ढाल कर धर धर्म वीर,
जुद्ध खेलण हिंदवो इ मीत जे परताप,(1)
चडी घोड़े चेतक़े झट,
मुग़ल मारण झपट कर वट
अड़ग मोभो राज पूतो
वीर तू परताप,
सपूत सुरो फौज संगे,
एक्लो लहू लाल रंगे,
बादशा ने मार मारयो,अणनम तू परताप,(2)
मेवाड़ सुरो एक जन्मयो,
मुग़ल शरणे नहि नम्यो,
टेक धरणो स्वाभिमानी,
सुर तू अखियात,
राज रजपट देह राखण,
धरा पर तुज अमर दाखण,
नहीं जनमे तुज जेवो,कोई पण परताप,(3)
*छप्पय*
*दळ फौजा घमरोळ,तौळ कर मुळ मुग़लके,*
*दळ फौजा घमरोळ,मोड़ अणनम यू मलके,*
*दळ फौजा घमरोळ,झपाट्यो अकबर त्राडी,*
*दळ फौजा घमरोळ,थपाट्यो भोय पाछाड़ी,*
*रोळयो अकबर राजवी,महा राणा धर मांन,*
*मीत प्रतापी मोभियो,मेवाड़ी तव शान,*
*🙏---मितेशदान(सिंहढाय्च)---🙏*
*कवि मीत*
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