.

"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

Buy Now Kagvani

Sponsored Ads

Sponsored Ads

.

Notice Board


Sponsored Ads

25 नवंबर 2017

कवि काग वंदना रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)

.                  *कवि काग वंदना*
.       *रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)*

कोटी कोटी वंदन छे दुल्ला काग ने, धऩ्य मां धाना ने धन्य भाया बड भाग्य रे...
कुळ वंत कोडीला....
कोटी कोटी वंदन छे दुल्ला काग ने...टेक

कलम तिरे विंधाय अमांणाय काळजां.
साद मां जांणे घुघवे सायर सात रे...सावज सादुळा...
कोटी कोटी वंदन छे दुल्ला काग ने...01

चार चारे परज्युं ना चाहेय चारणो...
मांनतां सगा विर सुं सोनल मात रे...देवरूप दूलारा...
कोटी कोटी वंदन छे दुल्ला काग ने...02

मोभ हिपो हो के हो मोहन मात्यमा...
वात विनोबा नी विहरे नई विदवान रे....मजादर ना मोभी...
कोटी कोटी वंदन छे दुल्ला काग ने...03

क्रोड गुना आखी नात्य खातेय जे कीधा
जीव ऋषी भड़ ज्वारीयें जोगीदान रे..धान बाई ना धावण..
कोटी कोटी वंदन छे दुल्ला काग ने...04

🙏🏻🌞🙏🏻🌞🙏🏻🌞🙏🏻🌞🙏🏻

कोई टिप्पणी नहीं:

Sponsored Ads

ADVT

ADVT