आज क्रांतिकारी केसरी सिंहजी बारहठनी जयन्ति हैं
. सम्पुर्ण चारण समाजकी नहिं पुरे राजस्थान व देश के गौरव थे
. क्रांतिकारीयो में पुरे परिवार के बलिदान का उदाहरण ईतिहास में नहिं मिलता है .
. केसरीसिंह जी ने "चेतावणी रा चुंगट्या " भेज मेवाड़ के महाराणा फतहसिंह जी को दिल्ली दरबार में जाने से रोकाथा .
. ईनके भाई व पुत्र भी बलवेदी पर हंसते - हंसते शहीद हो गये थे .
. ईनकी हवेली को शाह पुरा में राष्ट्रीय संग्रहालय बनाया गया है .
. उदयपुर, जोधपुर , भीलवाडा़ , सहित कई जगहों पर ईन महानायका के स्मारक बने हुवे हैं
पोस्टबाई :- चारणाचार पत्रिका राजस्थान
टाईप :- मनुदान गढवी - महुवा
9687573577
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वंदे सोनल मातरम्
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