.

"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

Sponsored Ads

Sponsored Ads

.

Notice Board


Sponsored Ads

15 दिसंबर 2015

|| बेटी बउं बाप ने वाली ||. रचना: जोगीदान गढवी (चडीया )

.            || बेटी बउं बाप ने वाली ||
.        रचना: जोगीदान गढवी (चडीया )
.          राग: माडी अमे बाळ तमारां....
काले जे बोलती काली..समजु थई  सासरे हाली....
लागी ऐने हाथ मां लाली. .बेटी बउं बाप ने वाली...
ढींगलां लैने धोडती ती जे.आज उभी अण डोल
मांडवे आवि मौन बनी जो...बेन दीये नई बोल
ठाकर नई वात आ ठाली.. बेटी बउं बाप ने वाली..
भाई काजे आखा गाम ने भांडे..मात नो खाती मार
तोय विर खम्मा कई वाल वरहावे...ऐवडो जीव उदार
हेताळी हिबकी हाली...बेटी बउं बाप ने वाली..
बापु तमे  ऐने बोलता ना कंई.... बउं भोळी मुंज बा..
करी भलांमण काळजां चीरे ...गभरुडी ईय  गा..
प्रेमे जेने कोड थी पाली..बेटी बउं बाप ने वाली...
जाउं छुं के त्यांतो काळजुं कंपे..मन मां बाप मुंझाय
साचवज्यो के त्यां सेरडो पडतो, (जांणे) जीवडो बारो जाय
खावा धाय खोरडुं खाली...बेटी बउं बाप ने वाली..
दीकरी नई आ छे  दीकरो मारो...जीव छे जोगीदान.
ममता ऐनी मावडी जेवी.......पाथरी देती  ..प्रांन
आहुडा आंख मां आली..... समजु थई  सासरे हाली....
.......

कोई टिप्पणी नहीं:

Sponsored Ads

ADVT

ADVT