लाखेणीं रत लोबडी, एमां, राखेल टांकी रांण
ज्या सरकी सर जोगड, त्यां, भाळ्यो सूरज भांण
रात्री नो अंधकार जांणे भगवती नी काळी लोबडी जेवो लाग्यो जे सहेज सरकता तेमां टांकेल सुर्य देखायो अने वळी सहेज सरकता पाछी रात देखाय , अाम महाशक्ति आयल ना ओढणे टंकायेल नारायण ने मारा नित्य वंदन
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