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आई अने ईश्वर बंनेने चारणो ऐ ह्रदयथी आराघ्या छे. ऐटले ज आई अने ईशनी शकित अने श्री हरिनी आराघना आ ज्ञातिमां ऐटली ज थई छे ऐटले ज ज्ञातिऐ महान भकतो जगतने आप्या छे. ऐटले ज चारण ज्ञातिमां जेने जन्म मळ्यो ई खरेखर खूब भाग्यशाळी छे.
आवो जोईऐ केवा महान आत्माओ अा ज्ञातिमां थया छे.
चारण महात्मा भकत राज मांडण भकत द्वारका जाय दशॅन थता नथी. समुद्रमां झंपलावे छे. प्रभुना दशॅन थाय छे. ईसरदासजीने प्रभु हारे बेठेला जोई तमाम भ्रमणा भांगीने भूको थई जाय छे. हवे मने द्वारकाना दशॅन आपो साथे साथे भुलाय नहीं ऐवी कोई ऐंघाणी आपो. मांडण भगत तमो द्वारका मंदिरे जाव त्यां मारी मूतिॅ तमने हाथ लंबावीने पाध ( पाधडी ) बंघावशे अने प्रभुऐ चारण भकत राजने पाध बंघावी, ई बांघनार अने बंघावनार बंनेने हजार हजार प्रणाम.
आवा आवा महान अवतारो आव्या छे चारण ज्ञातिमां, ऐटले ज पराशकितने जन्म लेवानी ईच्छा थई त्यारे चारण अने चारणना नेहडा ज पसंद कयाॅ छे.
🌹जय माताजी🌹
प्रस्तुति कवि चकमक.
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