दीन नें काजे दिनकर, दडेडी नित दीये दोट,
भाचळीयो रवि भणे, तुं खाविंद पुरवा खोट,
हे भगवान सूर्य नारायण देव आप कायम जे उदय थाव छो ते दीन(गरीब) नें माटे उदय थाव छो कारण के सुखी संपन माणस नें घेर तो लाईटुं नेंझनरेटर होय छे परंतु गरीबो नें कूबे तो तेल नों दीवो पण मांड होय छे नें वादळ छाया वातावरण मां गरीब नें कूबे संपत्ति नीं अनें अंजवाळा नीं बेई नीं तांण्य होय मनें ऐवुं लागे छे के आप ऐनीं खोट भांगवाज उदय थाव छो ऐवां दीन तणां दिनकर नें मारा हजारो हेत वंदन हो प्रभु.... 🙏🏼🌹🙇🏻🌞🙇🏻🌹🙏🏼
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