नारण मुख नीचो नमे, जो, चारण अवरां चाह
जारण वण नुं जोगडा, दियण सुरज दाताह
जे भगवान सुर्य नारायण जेवो दातार जारण (सोना मां थतो त्रांबा नो भेग) वगर नुं साचु सोनुं धरा पर वरहावी रह्यो छे, अने हवे जो चारण एना सीवाय बीजा पासे चाह करे तोतो नारायण ने नीचुं जोवुं पडे, एवा महा दाता भगवान सुर्य नारायण ने मारां नित्य वंदन
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